शारदीय नवरात्रि सप्तमी तिथि कालरात्रि की उपासना पर विशेष आलेख: डॉ कुमुदिनी द्विवेदी, भक्ति, शक्ति, सिद्धि, बुद्धि, समृद्धि का महापर्व शारदीय नवरात्रि

शारदीय नवरात्रि महापर्व हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो मां दुर्गा की आराधना के लिए आयोजित किया जाता है। इस पर्व को भारतीय संस्कृति में बहुत उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। नवरात्रि महापर्व में मां दुर्गा की आराधना की जाती है, जो सृष्टि की उत्पत्ति की शक्ति को प्रतिष्ठित करती हैं। इस अवसर पर भक्त उनकी पूजा और उपासना करके उनकी कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
नवरात्रि में नौ विभिन्न देवियों की पूजा की जाती है, जिन्हें नवदुर्गा कहा जाता है। हर दिन एक विशेष देवी की पूजा करने से भक्त उनकी कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
शारदीय नवरात्रि में सप्तमी तिथि को मां कालरात्रि की पूजा होती है इस दिन मां का मन बहुत प्रसन्न मुद्रा में रहता है इस दिन मां कालरात्रि मनोवांछित फल देने के लिए पूरी तरह तत्पर रहती है। इन्हें देवी पार्वती के समतुल्य माना गया है तथा कालरात्रि को महायोगिनी महायोगेश्वरी भी कहा गया है।सप्तमी तिथि पर मां काली की पूजा करने से व्यक्ति को शक्ति और सौभाग्य प्राप्त होता है। मां काली का रूप उस शक्ति को प्रतिष्ठित करता है जो संसार में संतुलन और न्याय बनाए रखता है। सप्तमी तिथि को मां काली की पूजा करने से भक्त को दैवीय शक्तियों की कृपा प्राप्त होती है और वे संसार में उत्तम संतुष्टि और समृद्धि को प्राप्त कर सकते हैं। यह दिन मां काली की कृपा को प्राप्त करने के लिए एक अच्छा अवसर है और उनकी उपासना से अध्यात्मिक उन्नति होती हैं।
पूजा विधि-
1.संकल्प- पूजा की शुरुआत में भक्त को संकल्प लेना चाहिए, जिसमें वे मां कालरात्रि की पूजा कर रहे हैं और उनसे कृपा की प्राप्ति के लिए संकल्पित हैं।
2.अवाहन- मां कालरात्रि को ध्यान में लाकर उन्हें अवाहन किया जाता है। इसके लिए धूप, दीप, फूल और नैवेद्य के साथ मंत्र का जाप किया जाता है।
3.पूजा-मां कालरात्रि की मूर्ति को पानी से अभिषेक करना चाहिए और फिर उन्हें दूध, चावल, दूर्वा, रक्तचंदन, कुमकुम, और बिल्वपत्र से पूजा करनी चाहिए। पुष्पांजलि को मां के पैरों में अर्पित करना चाहिए।
4.मंत्रोच्चारण- मां कालरात्रि के विशेष मंत्रों का जाप करना चाहिए, जैसे – “ॐ क्रीं कालिकायै नमः” या “ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं कालिके स्वाहा”।
5.भोग और प्रसाद– पूजा के बाद मां कालरात्रि को भोग चढ़ाना चाहिए, जैसे मिष्ठान, फल,खीर,पूरी आदि।
6.नियम:पूजा के दौरान व्रत रखना चाहिए। अल्कोहल, मांस और मांसाहारी पदार्थों से दूर रहना चाहिए।
इस नवरात्रि पवित्र पर्व पर मां दुर्गा की कृपा आप पर सदैव बनी रहे और आपके जीवन में सुख, समृद्धि और सफलता लाए। नवरात्रि के इस पावन पर्व में आपके लिए खुशियों की बौछार हो, और आपकी मनोकामनाएं पूरी हों। आपके परिवार और समाज में सुख-शांति बनी रहे, और आपका जीवन हमेशा प्रकाशमय हो।
डॉ कुमुदिनी द्विवेदी
चांपा