चांपा के कांग्रेस नेता अखिलेश कोमल पांडेय पार्टी विरोधी गतिविधियों में दोषी पाए गए, कांग्रेस ने 6 वर्षों के लिए किया निष्कासित

चांपा। कांग्रेस पार्टी ने चांपा के वरिष्ठ नेता अखिलेश कोमल पांडेय पर अनुशासनहीनता का आरोप लगाते हुए उन्हें पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से छह वर्षों के लिए निष्कासित कर दिया है। पार्टी का कहना है कि अखिलेश कोमल पांडेय लंबे समय से पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त थे और उनकी विचारधारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) व भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रति झुकाव दर्शा रही थी। क्योंकि 3 वर्ष पहले ही उनका भाजपा से कांग्रेस प्रवेश तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत ने कराया था। उनसे अखिलेश का परिवारिक संबंध है। कांग्रेस ने इस संबंध में पहले उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया था, जिसके जवाब से पार्टी संतुष्ट नहीं हुई और यह कड़ा फैसला लिया गया।

सूत्रों के अनुसार अखिलेश कोमल पांडेय के हालिया कार्यकलापों की लगातार निगरानी की जा रही थी। उन पर आरोप था कि वे कांग्रेस की विचारधारा से भटकते हुए आरएसएस और भाजपा के प्रति नरम रुख अपना रहे थे। इसके अलावा, उन्होंने कई ऐसे कदम उठाए, जिनसे कांग्रेस को राजनीतिक रूप से नुकसान होने की संभावना थी। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने उनके इन कार्यों को अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी गतिविधियों के दायरे में मानते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया था। हालांकि, उनके जवाब से पार्टी नेतृत्व संतुष्ट नहीं हुआ और अंततः कांग्रेस ने उन्हें प्राथमिक सदस्यता से 6 वर्षों के लिए निष्कासित करने का निर्णय लिया।
पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप
अखिलेश कोमल पांडेय पर मुख्य रूप से निम्नलिखित आरोप लगाए गए थे।
0 आरएसएस और भाजपा के प्रति सहानुभूति: उनके सार्वजनिक बयानों और गतिविधियों से यह स्पष्ट संकेत मिले कि वे कांग्रेस की विचारधारा से हटकर आरएसएस व भाजपा की विचारधारा के प्रति झुकाव दिखा रहे थे।
0 पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्तता: वे पार्टी के अधिकृत कार्यक्रमों से दूरी बनाकर ऐसे मंचों पर दिखाई देते थे, जो कांग्रेस विरोधी माने जाते हैं।
0 कांग्रेस की छवि को नुकसान: उनके बयान और गतिविधियां कांग्रेस की साख को नुकसान पहुंचा रही थीं, जिससे पार्टी कार्यकर्ताओं में भी भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो रही थी।
0 स्थानीय नगरपालिका चुनाव में भाजपा संगठन के अध्यक्ष संतोष थवाईत के आमंत्रण पर वे भाजपा जिलाध्यक्ष अंबेश जांगड़े से बधाई प्राप्त कर पार्टी चुनाव कार्यालय पहुंच गए थे। हालांकि जिलाध्यक्ष अंबेश जांगड़े व अध्यक्ष संतोष थवाईत ने अपना निर्णय बदलते हुए चुनाव के बाद पार्टी प्रवेश कराने का आश्वासन दिया। इस दौरान अखिलेश के साथ उनका भतीजा आदर्श पांडेय भी मौजूद था।


कांग्रेस का आधिकारिक बयान
जिला कांग्रेस कमेटी के प्रभारी महामंत्री शिशिर दिवेदी ने इस संबंध में एक आधिकारिक बयान जारी करते हुए कहा, नगरीय निकाय चुनाव 2025 नगरपालिका क्षेत्र चांपा में आपके ऊपर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल रहने का आरोप लगा था। कारण बताओ सूचना के जवाब में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रति उदारता और प्रतिबद्धता तथा अनुषांगिक संगठन भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता लेने के लिए आशान्वित होने को दृष्टिगत रखते हुए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से 6 वर्षों के लिए निष्कासित किया जाता है।

अखिलेश कोमल पांडेय की प्रतिक्रिया
इस निष्कासन के बाद अखिलेश कोमल पांडेय ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि एक सनातनी हिंदु होने एवं पूर्व भाजपा नेता व आरएसएस का स्वयं सेवक होने का भाव मैं हृदय से नहीं निकाल पा रहा था। कांग्रेस की विचारधारा से स्वयं की व्यक्तित्व का संयोजन नहीं कर पाने की स्थिति में मैं कांग्रेस में अपना सौ फीसदी योगदान नहीं दे पा रहा था। भाजपा के वरिष्ठतम नेता डॉ. नन्दकुमार साय, जिनका मैं राज्यसभा प्रतिनिधि था। उनकी भाजपा में वापसी के बाद उनसे एवं भाजपा के अन्य शीर्षस्थ नेताओं तथा भाजपा के मातृ संगठन, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संगठन के शीर्षस्थ अधिकारियों के निर्देश पर मैंने पुनः भाजपा में जाने का निर्णय ले लिया है। मैंने अपने जवाब में स्पष्ट रूप से उल्लेखित किया है। पूरे प्रदेश भर के निकायों में भाजपा के कर्मठ कार्यकर्ताओं ने तीसरा इंजन जोड़ दिया है। मैं भी उन राष्ट्रवादी विचारधारा को मानने वाले सपूतों में से एक हूं, जो निरन्तर मां भारती को जगत में सिरमौर बनाने के लिए अपने प्राणों की बलि दे सकते हैं। यह विचारधारा की लड़ाई है। सनातन धर्म में पंच गगार गाय, गंगा, गायत्री, गुरु और गीता की अवधारणा को धरातल पर फलीभूत करते हुए इनके प्रति आदर व सम्मान एवं इस विचार का समर्थन विकास कार्यों के माध्यम से करते हैं। मैंने अपने जवाब में कांग्रेस विरोधी आरोप को स्वीकार किया है। निष्कासन से मैं हतप्रभ नहीं हूं। यह होना ही था।