ज्योतिष – वास्तु

आध्यात्मिक दृष्टिकोण से राहु-केतु का परिवर्तन: एक महत्वपूर्ण ज्योतिषीय घटना

राहु और केतु, जो कि छायाग्रह माने जाते हैं, वे हमेशा हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इन दोनों ग्रहों के परिवर्तन को ज्योतिष में बहुत ध्यान से देखा जाता है, क्योंकि इनका प्रभाव हमारे जीवन के विभिन्न पहलुओं जैसे कि रिश्ते, करियर, स्वास्थ्य और मानसिक स्थिति पर पड़ता है। 2025 के मध्य में राहु-केतु अपनी स्थिति बदलने वाले हैं, और यह परिवर्तन सभी राशियों पर प्रभाव डालने वाला है।

राहु और केतु की स्थिति जब बदलती है, तो उसे “राहु-केतु का परिवर्तन” कहा जाता है। यह ज्योतिषीय घटना विशेष रूप से महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि ये ग्रह हमारी मानसिक स्थिति और जीवन में आने वाली चुनौतियों का संकेत देते हैं। राहु, जो ग्रहों का “छाया ग्रह” माना जाता है, भ्रम और धोखे का प्रतीक है, जबकि केतु आत्मज्ञान, मोक्ष और भक्ति का प्रतीक है। इन ग्रहों का प्रभाव हमारे जीवन में सुख-दुख के संतुलन को प्रभावित करता है।

2025 में राहु और केतु का परिवर्तन विशेष रूप से मिथुन, धनु और मकर राशि वालों के लिए अहम साबित हो सकता है। मिथुन राशि के लोग इस बदलाव से अपने जीवन में नए अवसरों को देख सकते हैं, जबकि धनु राशि वालों को अपने करियर में अचानक बदलाव का सामना करना पड़ सकता है। मकर राशि के लोग इस समय को आत्ममूल्यांकन और पुनर्निर्माण के रूप में उपयोग कर सकते हैं।

इस बदलाव के दौरान हमें अपनी जीवनशैली में बदलाव लाने की आवश्यकता हो सकती है। यह समय अपने कार्यों पर पुनर्विचार करने और आत्म-निर्णय की क्षमता को बढ़ाने का है। राहु-केतु के इस परिवर्तन के दौरान ध्यान और साधना से हम अपने जीवन को अधिक संतुलित और सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ा सकते हैं।

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