चांपा पुलिस की कार्यशैली पर उठे सवाल: पत्रकारवार्ता में उजागर हुईं गंभीर खामियां, एएसपी भी रह गए हैरान

जांजगीर चांपा। थाना परिसर में आयोजित एक पत्रकारवार्ता उस समय चर्चा का केंद्र बन गई, जब स्थानीय पत्रकारों ने चांपा पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर आरोपों की झड़ी लगा दी। नशीली दवाओं की बड़ी खेप की बरामदगी पर जहां पुलिस अपनी पीठ थपथपा रही थी, वहीं मीडिया ने उन पहलुओं को उजागर किया, जिन पर अक्सर चुप्पी साध ली जाती है।
थाने से चंद कदमों की दूरी पर बिक रहा गांजा
पत्रकारों ने बताया कि चांपा थाना से मात्र 50 मीटर की दूरी पर खुलेआम गांजा बेचा जा रहा है और पुलिस आंख मूंदे बैठी है। उन्होंने सवाल उठाया कि यदि नशीले पदार्थों की जानकारी पहले से है, तो फिर कार्रवाई क्यों नहीं होती?
प्रधान आरक्षक पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप
कार्यवाही से जुड़े दो संदिग्धों को पैसे लेकर छोड़ने का आरोप सामने आने पर माहौल गरमा गया। पत्रकारों ने एक प्रधान आरक्षक की भूमिका पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि हर बार कार्रवाई की सूचना सिर्फ उन्हें ही क्यों मिलती है? क्या यह संयोग है या अंदरुनी ‘सेटिंग’?

टीआई का टालमटोल जवाब, एएसपी असहज
जैसे ही पत्रकारों ने यह सवाल एएसपी उमेश कश्यप के समक्ष रखा, वह खुद भी हैरान रह गए और थाना प्रभारी से सफाई मांगी। टीआई का जवाब गोलमोल रहा, जिससे संदेह और गहराया।
परिजनों को डराने की कोशिश, कैमरे में कैद हुई सच्चाई
पैसे लेकर छोड़े गए आरोपियों के परिजनों ने थाने के बाहर मीडिया के सामने बयान दिए। इसके बाद पुलिस ने उन्हें अंदर बुलाकर धमकाने की कोशिश की, जो कैमरे में कैद हो गई।
पत्रकारवार्ता ने साफ कर दिया कि चांपा पुलिस की छवि पर गंभीर सवाल खड़े हो चुके हैं। अब सबकी निगाहें एएसपी उमेश कश्यप पर हैं कि वे इन आरोपों पर क्या कार्रवाई करते हैं।