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शराब घोटाले में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के करीबियों पर शिकंजा: एसीबी-ईओडब्ल्यू की 15 ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी

रायपुर/बस्तर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले मामले में जेल में बंद पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा और उनके करीबियों के ठिकानों पर एसीबी (भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो) और ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा) की संयुक्त कार्रवाई जारी है। सूत्रों के अनुसार, बस्तर संभाग के सुकमा, तोंगपाल, जगदलपुर, दंतेवाड़ा समेत कुल 13 और राजधानी रायपुर में 2 ठिकानों सहित कुल 15 स्थानों पर छापेमारी की जा रही है।

व्यापारी और करीबी सहयोगी भी रडार पर

जांच एजेंसियों ने जगदलपुर स्थित प्रेम मिघलानी, रायपुर के संतोषी नगर स्थित नहाटा परिवार, और अंबिकापुर के नामी कपड़ा व्यापारी एवं सरकारी सप्लायर धजाराम इंटरप्राइजेज के मालिक अशोक अग्रवाल और मुकेश अग्रवाल के ठिकानों पर भी दबिश दी है। यह कार्रवाई आज सुबह करीब 6 बजे एक साथ कई टीमों द्वारा शुरू की गई।

पहले भी हो चुकी है ED की बड़ी कार्रवाई

इससे पहले 28 दिसंबर 2024 को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कवासी लखमा और उनके बेटे हरीश कवासी के आवासों पर छापा मारा था। इसके बाद 15 जनवरी को कवासी लखमा को गिरफ्तार किया गया और वे 21 जनवरी से रायपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं।

3773 पन्नों का चालान और गंभीर आरोप

ED ने इस मामले में कवासी लखमा के खिलाफ 3773 पन्नों का चालान कोर्ट में दाखिल किया है। चालान के अनुसार:

0 कवासी लखमा को घोटाले की पूरी जानकारी थी।

0 वे शराब सिंडिकेट के मुख्य संचालक के रूप में कार्य कर रहे थे।

0 उनकी भूमिका शराब नीति में बदलाव कराने में भी प्रमुख रही।

0 निरीक्षण से पहले आबकारी अधिकारियों को लखमा से अनुमति लेनी पड़ती थी।

0 कुल 21 आरोपी, कंपनियाँ और कारोबारी शामिल

0 अब तक इस घोटाले में कुल 21 लोगों को आरोपी बनाया गया है। प्रमुख नामों में शामिल हैं:

0 कवासी लखमा, अनवर ढेबर, अनिल टूटेजा, त्रिलोक सिंह ढिल्लन

कंपनियाँ: छत्तीसगढ़ डिस्टलर, वेलकम डिस्टलर, टॉप सिक्योरिटी, ओम साईं ब्रेवरीज, दिशिता वेंचर, नेस्ट जेन पावर, भाटिया वाइन मर्चेंट, और सिद्धार्थ सिंघानिया