छत्तीसगढ़राज्य एवं शहर

बिना परमिशन के हड़ताल कर रहे कर्मचारियों पर होगी कार्रवाई, कटेगी सैलरी, आदेश जारी

रायपुर। छत्तीसगढ़ में कर्मचारियों के सामूहिक अवकाश लेकर हड़ताल करने पर राज्य सरकार ने सख्ती दिखाई है। इस तरह से हड़ताल करना कर्मचारियों को भरी पड़ सकता है। इससे दफ्तरों में सन्नाटा फैल जाता है। कई काम ठप पड़ जाते हैं। इसे देखते हुए सामान्य प्रशासन विभाग की अपर सचिव अंशिका ऋषि पाण्डेय ने सभी विभागाध्यक्षों, संभाग आयुक्तों, कलेक्टर्स को पत्र लिखकर कार्रवाई करने की निर्देश जारी किया है। इतना ही नहीं सैलरी से कटौती करने का भी आदेश जारी किया है।

छत्तीसगढ़ में कर्मचारियों के सामूहिक अवकाश लेकर हड़ताल करने पर राज्य सरकार ने सख्ती दिखाई है। इस तरह से हड़ताल करना कर्मचारियों को भरी पड़ सकता है। इससे दफ्तरों में सन्नाटा फैल जाता है। कई काम ठप पड़ जाते हैं। इसे देखते हुए सामान्य प्रशासन विभाग की अपर सचिव अंशिका ऋषि पाण्डेय ने सभी विभागाध्यक्षों, संभाग आयुक्तों, कलेक्टर्स को पत्र लिखकर कार्रवाई करने की निर्देश जारी किया है। इतना ही नहीं सैलरी से कटौती करने का भी आदेश जारी किया है।

1 अगस्त से बेमियादी हड़ताल
प्रदेश के सभी शासकीय कर्मचारी की लंबे समय से मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि महंगाई भत्ता और सातवें वेतनमान के अनुरूप गृह भाड़ा भत्ता केंद्र के बराबर दिया जाए। पांच प्रतिशत महंगाई भत्ता बढ़ाया गया जिसमें केंद्र सरकार की तुलना करने पर राज्य सरकार अभी भी 4 प्रतिशत पीछे हैं। सरकारी कर्मचारियों ने 1 अगस्त से बेमियादी हड़ताल की चेतावनी दी है।

शासकीय कर्मचारियों 5 सूत्रीय मांग

1. कांग्रेस के जन घोषणा पत्र के अनुसार, कर्मचारियों का वेतन वृद्धि 8, 16, 24 और 30 साल की सेवा में चार स्तरीय किया जाए। साथ ही अनियमित, संविदा, दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित किया जाए।