चंदा को लेकर चर्चा में बने हुए हैं नगर के चंदा मामा, बैरिस्टर स्मृति समारोह के नाम पर जमकर चंदाखोरी होने की चर्चा जोरों पर

जांजगीर-चांपा। जिला मुख्यालय जांजगीर में आयोजित दो दिवसीय बैरिस्टर स्मृति समारोह के लिए जमकर चंदाखोरी की चर्चा जोरों पर है। नगर में इस बात की चर्चा का बाजार गर्म है कि इस आयोजन के नाम पर चंदा मामा के नाम से मशहूर शख्स ने जमकर चंदाखोरी की है। पहले तो यह बात चारदीवारी तक कैद थी परंतु, अब यह बात चारदीवारी से निकलकर बाजार तक पहुंच गई है।
दरअसल, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं समाजसेवी बैरिस्टर ठाकुर छेदीलाल की स्मृति में जिला मुख्यालय जांजगीर में प्रत्येक वर्ष 17 सितंबर से दो दिवसीय समारोह का आयोजन किया जाता है, जिसमें विभिन्न विधाओं के कलाकारों को जहां अपनी प्रस्तुति देने के लिए एक बेहतर मंच प्रदान किया जाता है तो वही आयोजन स्थल से ही शासन-प्रशासन की विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी आमजनों तक पहुंच पाती है। बता दें कि पूर्व में बैरिस्टर स्मृति समारोह का आयोजन नगर के कुछ लोगों द्वारा किया जा रहा था, जिसे बाद में तत्कालीन मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह द्वारा शासकीयकरण कर दिया गया, तब से इस आयोजन का संपूर्ण खर्च छत्तीसगढ़ शासन द्वारा वहन किया जा रहा है। इसके बावजूद, इस आयोजन की आड़ में कुछ लोगों द्वारा जमकर चंदाखोरी किए जाने की बात सामने आ रही है। वर्तमान में नगर में इस बात की चर्चा है कि पूर्व की भांति इस वर्ष भी इस आयोजन को लेकर कुछ लोगों ने जमकर चंदाखोरी की है। सूत्रों की मानें तो नगर में चंदा मामा के नाम से मशहूर शख्स ने बैरिस्टर स्मृति समारोह के नाम पर विभिन्न निजी संस्थानों से जमकर चंदाखोरी की है। उल्लेखनीय है कि यह पहला मौका नहीं है, जब उनके द्वारा इस आयोजन के नाम पर जमकर चंदाखोरी किए जाने की चर्चा है। इसके पहले भी इस आयोजन के नाम पर खुलेआम चंदाखोरी कर अपनी जेब भरी गई है, जबकि इस आयोजन का संपूर्ण खर्च शासन-प्रशासन द्वारा उठाया जा रहा है। ऐसे में अब सवाल उठाना लाजमी है कि चंदा मामा के नाम से मशहूर शख्स ने इस आयोजन के नाम पर चंदाखोरी करने की हिमायत आखिर कैसे की है। वही इस आयोजन के नाम पर चंदाखोरी की बात सामने आने के बाद जिला प्रशासन इस मसले पर आखिर क्या रुख अपनाता है, यह देखने वाली बात होगी।
कलाकार बुलाने के नाम पर भी कमीशनखोरी
बैरिस्टर स्मृति समारोह पिछले कुछ वर्षो से काफी सुर्खियों में बना हुआ है। इसकी प्रमुख वजह यह है कि इस आयोजन के नाम पर कुछ लोग अपनी जेब भरते हैं। सूत्रों की मानें तो बाहरी कलाकार बुलाने के नाम पर भी जमकर कमीशनखोरी होती है। बाहरी लोक कलाकारों को जितनी पारिश्रमिक राशि देने की जानकारी दी जाती है, उस राशि में भी कुछ बिचौलिए खेल कर जाते हैं। यहाँ बिचौलियों के द्वारा मोटा कमीशन लेकर बाहरी लोक कलाकारों को बुलाये जाने की चर्चा भी सरगर्म है।