आमाबेड़ा के बाजार में देवी देवताओं का ढाई चक्कर लगाकर बंगाराम मेला का हुआ भव्य शुभारंभ
रमेश टंडन@कांकेर। आमाबेड़ा का वार्षिक बंगाराम मेला 20 सितंबर दिन बुधवार को आयोजित हुआ, जो क्षेत्र का प्रथम देव मेला है। सितंबर के हिंदी महीने की हिसाब से भादों मास में वार्षिक मेला का आयोजन होता है, जिसमें जोंधरा मेला मडाई के नाम से भी जाना जाता है। इस मेले में आस पास के देवी देवता डांग डोली आंगा बड़ी संख्या में सम्मिलित होते है। सर्व प्रथम परगना के सभी देवी देवता भंगाराम मंदिर में एकत्र होते है। उसके पश्चात मेले का ढाई बार परिक्रमा कर पुनः मंदिर में वापस चले जाते है। उसके बाद परंपरा अनुसार देवी देवताओं की पूजा अर्चना कर (सेवा जोर्हा) किया जाता हैं। दो दिनों के आयोजन में आज जहां देवी देवताओं का आगमन हुआ तो वहीं 21 सितंबर को सेवा अर्जीएवं देवी देवताओं की विदाई दी जाएगी। दस दाक्रान परगना माझी सर्व सूकु सलाम, आमाबेड़ा ग्राम पंचायत के सरपंच लोकेश बघेल, ग्राम पटेल (मुखिया) शशि सिंग राणा, आम आदमी पार्टी के संतराम सलाम सहित विभिन्न क्षेत्रों से आए गायता, पुजारी, मांझी, गण और देवी देवताओ के सेवकजन मौजूद रहे, जिन्होंने डांगा के रूप देवी देवताओ की प्रतिक चिन्ह अलग अलग रंग के झंडों के साथ भगत सेवादार बाजा गाजा बजाने वाले थे।