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चांपा लोकन्यास डोंगाघाट की भूमि और सर्वराकार नियुक्ति का मामला अभी न्यायालय में पेंडिंग, फिर भी पब्लिक ट्रस्ट पंजीयन के लिए निकला ईश्तहार और हो गया गठित संचालन समिति का पंजीयन

जांजगीर-चांपा। इन दिनों चांपा में डोंगाघाट लोक न्यास की भूमि और सर्वराकार का मामला चांपा और जांजगीर के न्यायालय में पेंडिंग है। मंदिर के सर्वराकार नरोत्तम दास के निधन पश्चात नारायण दास को सर्वराकार नियुक्त किए जाने पर कड़ी आपत्ति दर्ज की गई थी। फिर यह मामला जिला न्यायाधीश जांजगीर के न्यायालय में वाद प्रकरण क्रमांक 18 अ/2024 अंतर्गत लंबित है।

ऐसी स्थिति में जब तक जिला न्यायाधीश का निर्णय नहीं आ जाता, तब तक पब्लिक ट्रस्ट का पंजीयन या फिर कोई संचालन समिति बनाकर उसका पंजीयन करना अवैधानिक है। यह आधार चांपा एसडीएम के समक्ष प्रस्तुत आपत्ति में दर्ज किया गया है। इससे प्रशासन की भूमिका सवालों के घेरे में है। कानून के जानकारों का कहना है कि जब कोई मामला न्यायालय में लंबित हो तो उससे संबंधित कोई भी क्रियाकलाप बगैर न्यायाधीश के निर्णय आए बगैर नहीं किया जा सकता। यहां तो मामला न्यायालय में लंबित होने के बावजूद न केवल लोक न्यास संचालन के लिए समिति गठित कर बकायदा 10 जून 2024 को उप पंजीयक चांपा के समक्ष पंजीकृत किया गया है, बल्कि चांपा षहर की सांस्कृतिक धरोहर श्री हनुमान व्यायाम षाला भवन का ताला तोड़कर भवन को ध्वस्त कर उसका अस्तित्व ही समाप्त कर दिया गया। कानून के जानकारों का यह भी कहना है कि जब सर्वराकार की नियुक्ति का मामला विवादित है और यह मामला न्यायालय में पेंडिंग है तो प्रशासन क्यों सुरदास बनकर संचालन समिति का पंजीयन कर न्यायालय की अवहेलना कर रहा है। इस पूरे मामले में शिकंजा कसने के बजाय राजस्व प्रशासन ने पब्लिक ट्रस्ट पंजीयन करने के लिए बकायदा 6 नवंबर को ईश्तहार का प्रकाशन कराया है। राजस्व प्रशासन का यह क्रियाकलाप निश्चित ही न्यायालय की अवहेलना की श्रेणी में आता है।

तोड़फोड़ करना बन गया फितरत
प्रशासन से अपेक्षित कार्रवाई नहीं होने से समिति का हौसला सातवें आसमान पर है। यही वजह है कि लोगों की धार्मिक भावनाओं को ताक पर रखकर तोड़फोड़ करना और भगवान की मूर्ति को यत्र-तत्र रखना फितरत में षामिल होते जा रहा है। इसके पहले भी मंझली तालाब में स्थित हनुमान मंदिर पर तोड़फोड़ कर मूर्ति को उठाकर लावारिश की तरह रखने के संवेदनशील मामले ने काफी तूल पकड़ा था। आखिरकार तत्कालीन एसडीएम की अगुवाई में प्रशासन और तत्कालीन सर्वराकर नरोत्तम दास ने इस मामले का पटाक्षेप किया था, तब जाकर कहीं मामला षांत हुआ था। तो वहीं चांपा शहर की सांस्कृतिक धरोहर व हरेक चांपावासी की भावनाओं को ताक पर रखकर श्री हनुमान व्यायाम शाला का अस्तित्व ही समाप्त कर दिया गया। यह अपराधिक कृत्य करने का अधिकार संचालन समिति को किसने दिया, इस सवाल के जवाब का जनता बेसब्री से इंतजार कर रही है।

एफआईआर कराने यादव सहित कई समाज करेगा आंदोलन

डोंगाघाट चांपा में सांस्कृतिक धरोहर के रूप में स्थित श्री हनुमान व्यायाम शाला भवन को तोड़कर उसके अस्तित्व को ही समाप्त कर दिया गया। साथ ही हनुमान जी और स्वर्गीय मोहितराम गुरुजी की मूर्ति को भी यत्र तत्र रखकर अपमानित किया गया। इस अपराधिक कृत्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज होनी चाहिए। इसकी मांग जिला यादव समाज ने कलेक्टर को ज्ञापन देकर की है। उसके पूर्व चांपा थाने में भी मामले की शिकायत की गई है, लेकिन अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं की गई है। इस पूरे मामले में जिला यादव समाज सहित कई संगठन आंदोलन करने की तैयारी कर रहा है।

ईश्तहार प्रकाशन हुआ न कि पंजीयन
डोंगाघाट लोक न्यास पंजीयन के लिए अभी सिर्फ ईश्तहार का प्रकाशन हुआ है, न कि लोक न्यास का पंजीयन हुआ है। विभिन्न तरह की आपत्ति इस पर आ रही है, जिसे ध्यान में रखते हुए न्यायोचित कार्रवाई की जाएगी। लोक न्यास संचालन के लिए गठित समिति का पंजीयन करना दूसरे विभाग का मामला है। इस पर टिप्पणी नहीं किया जा सकता।
नीरनिधि नंदेहा, एसडीएम चांपा

दोनों पक्षों को बुलाया गया है
श्री हनुमान व्यायाम शाला भवन पर तोड़फोड़ करने की शिकायत नहीं आई है। शायद थाने में इस तरह का मामला आया है, लेकिन कागज नहीं देखा हूं। दोनों पक्षों को वैध दस्तावेजों के साथ उपस्थित होने को कहा गया है। यह मामला न्यायालय में पेंडिंग होने की मौखिक जानकारी मिली है। लिखित में कुछ भी प्राप्त नहीं हुआ है।
यदुमणि सिदार, एसडीओपी चांपा