क्राइमछत्तीसगढ़जांजगीर-चांपा

अफसरों के शह पर शिवरीनारायण महानदी से निकल रही अवैध रेत, रोज हो रही डंपिंग पर अधिकारियों की नहीं जा रही नजर, रेत माफिया हो रहे मालामाल

जांजगीर चांपा। इन दिनों रेत माफियाओं का झुंड एक बार फिर शिवरीनारायण में दिखाई दे रहा है, जिस पर राजस्व विभाग के अधिकारियों की नजर नहीं पड़ रही हैं। तभी तो शिवरीनारायण नगर पंचायत में एक बड़ा खेल देखने को मिल रहा है, जहां पर रेत माफियाओं को अधिकारियों ने खुली छूट दे रखा है। तभी तो रोज सैकड़ों ट्रेक्टर सुबह से लेकर शाम तक अवैध खनन करने में लगे हुए और बड़ी मात्रा में नगर के बैराज के पास बाय पास रोड के किनारे और आम बगीचा सहित केरा रोड स्थित राघव होटल के पास लगातार रेत माफियाओं का खुला राज दिखाई दे रहा है। जहां पर अवैध रेत खनन का कार्य धड़ल्ले से जारी हैं।

शिवरीनारायण में रेत माफियाओं करने वालो के चलते कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है क्योंकि वार्ड 12 में रहने वाले अधिकतर लोग इसी मार्ग से आना जाना करते है वहीं लोग महानदी स्नान भी इसी मार्ग से जाया करते है लेकिन इन दिनों रेत माफियाओं को अधिकारियों ने खुली छूट दे रखी है तभी तो रेत माफिया नगर में बेलगाम हो गए है और लगातार रेत की तस्करी कर रहे है। लोकसभा चुनाव से पहले छत्तीसगढ़ सरकार ने घोषणा की थी कि प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए निःशुल्क रेत उपलब्ध कराई जाएगी. विधानसभा बजट सत्र के 11वें दिन 20 फरवरी 2024 मंगलवार को वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने इसका ऐलान भी किया था. उन्होंने कहा था कि गांव में कोई भी व्यक्ति छोटे-मोटे काम के लिए रेत ले जा सकेगा. जिसमें ग्राम पंचायत को प्रधानमंत्री आवास के लिए रेत निशुल्क दी जाएगी हालांकि उन्होंने यह साफ नहीं किया था कि आवास बनाने वाले को कितने ट्रॉली रेत लाने की अनुमति होगी. इस फैसले से प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों को सीधा लाभ पहुचने की सरकारी मंशा थी. लेकिन अभी देखा जाए तो रेत माफियाओं ने इस ओर अपना कब्जा जमा लिया हैं। प्रतिदिन अवैध उत्खनन कर रेत माफियाओं ने स्थानीय और जिला प्रशासन को खुली चुनौती दे रहे हैं। लेकिन इसके बाद भी इनके खिलाफ किसी भी प्रकार से प्रशासनिक बड़ी कार्रवाई नहीं हो रही है। जिससे उनके हौसले काफी बुलंद होते जा रहे हैं। रेत माफिया शिवरीनारायण में बहने वाली महानदी का सीना छलनी करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहें हैं। यदि समय रहते अवैध उत्खनन पर अंकुश नहीं लगाया गया, तो करोड़ों रुपये की लागत से निर्मित बैराज का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। अवैध उत्खनन के लिए तरीका भी नगर में बदल दिया गया हैं क्योंकि अब पहले की तरह रेत माफिया अपना चेन माउंटेन नदी में नहीं उतर रहे है क्योंकि अगर चैन माउंटेन से अवैध खनन करने पर जब मशीन को शील किया जाता तो रेत माफियाओं को काफी बड़ा नुकसान होता है इस लिए अभी रेत माफियाओं द्वारा ट्रैक्टरों से रेत की अवैध तस्करी कराई जा रही जिसमें बैराज के पास आयुष पेट्रोल पंप के सामने निजी जमीन और सरकारी खाली पड़े जमीनों पर डंपिंग करा कर रेत माफिया JCB मशीन से हाइवा में लोड करके खुले रूप से रेत की तस्करी में लगे हुए है। अब देखने होगा इस पर स्थानीय तहसीलदार और जिला प्रशासन किस प्रकार से इन रेत माफियाओं पर कार्यवाही करता है या फिर इन्हें कुछ दिन फिर रेत तस्करी बंद करवा कर खुली छूट दे दिया जाएगा।