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मितानिन दिवस और डॉ. चरणदास व ज्योत्सना महंत का मनाया गया 44वां विवाह वर्षगांठ, चांपा के हनुमानधारा में सभी मितानिनों का फूलमाला, श्रीफल व साड़ी भेंटकर किया गया सम्मान

चांपा। शहर के हनुमानधारा में आज मितानिन दिवस और नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत व सांसद श्रीमती ज्योत्सना महंत की 44वां शादी का वर्षगांठ मनाया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में मौजूद मितानिनों के समक्ष केक काटकर सभी का मुंह मीठा कराया गया। साथ ही फूलमाला, श्रीफल और साड़ी भेंटकर उनका सम्मान किया गया।

कार्यक्रम में भागवताचार्य सविता गोस्वामी, पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष राजेश अग्रवाल, ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष सुनील साधवानी, पार्षद व प्रवक्ता नागेन्द्र गुप्ता, पार्षद गोविंद देवांगन, डुग्गू प्रधान व पार्षद टुक्कू केंवट, कांग्रेस नेता बुटू देवांगन मौजूद रहें। वहीं मंचस्थ मितानिन प्रशिक्षक श्रीमती रजनीगंधा सूर्यवंशी व श्रीमती शारदा कश्यप ने कार्यक्रम के प्रारंभ मंे बताया कि लोगों में स्वास्थ्य जागरूकता लाने के उदेश्य से चांपा के सभी वार्डों मितानिन करीब 47 की संख्या में चौबीसों घंटें तैनात रहती हैं। उन्होंने कहा कि प्रारंभ में जब मितानिन कार्यक्रम शुरू हुआ, तब महिलाएं इसमें जुड़ती नहीं है, लेकिन अब महिलाएं मितानिनों का काम बखूबी कर रहीं हैं। यही वजह है कि मातृ व शिशु मृत्यु दर में काफी कमी आई है।

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कार्यक्रम को पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष राजेश अग्रवाल ने संबोधित करते हुए मितानिनों के कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि मितानिन चौबीसों घंटे स्वास्थ्य लाभ देने के लिए तैनात रहती हैं, लेकिन उन्हें दिया जा रहा मानदेव उंट के मुंह में जीरा के समान है। उन्होंने कहा कि पूर्व नगरपालिका के कार्यकाल में भी मितानिनों का मानदेय 15 हजार रुपए प्रतिमाह करने के लिए पत्राचार किया गया था। इस दिशा में आगे भी सार्थक पहल की जाएगी। भागवताचार्य श्रीमती सविता गोस्वामी ने सभी मितानिनों का स्वागत करते हुए कहा कि मितानिनों के निःस्वार्थ भाव से कार्य के लिए सम्मान पर्याप्त नहीं है। इस सेवा कार्य से लोगों को जिस तरह अपातकालीन समय में सहायता मिलती है, उसके लिए कोई शब्द ही नहीं है। कार्यक्रम को ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष सुनील साधवानी ने संबोधित करते हुए सभी मितानिनों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि जिस तरह वो जनसेवा के लिए चौबीसों घंटे तैनात रहतीं है। उनसे समाज को बड़ा लाभ मिल रहा है। उन्होंने कहा कि मितानिनों को यदि कभी कोई सहायता की जरूरत पड़ जाए तो वो सब सदैव तैयार रहेंगे। कार्यक्रम को अन्य उपस्थित पार्षदों ने भी संबोधित किया। इस दौरान सभी मंचस्थ अतिथि व मितानिन प्रशिक्षकों ने मौजूद सभी मितानिनों का फूलमाला, तिलक के साथ ही श्रीफल और साड़ी भेंटकर सम्मान किया।

मितानिनों की स्थिति को मजबूत करनी चाहिए
सरकारी अस्पतालों की बद्तर स्थिति और नीजि अस्पतालों के पूरी तरह व्यवसायीकरण होने से खासकर गरीब तबके के लोगों को इलाज के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है। ऐसी स्थिति में मितानिनों के कार्य से समाज को बड़ा लाभ मिल रहा है। गर्भवती व शिशुवती महिलाओं की देखभाल और सलाह से मातृ व शिशु मृत्यु दर में काफी कमी आई है। इतना ही नहीं, नसबंदी कार्यक्रम में भी इन मितानिनों की बड़ी भूमिका रहती है। इस लिहाज से इन्हें जो मानदेय मिलता है वह बेहद कम है। जिस तरह ये मितानिनें चौबीसों घंटे पीड़ित और अपातकालीन स्वास्थ्य सेवा देतीं है, उस लिहाज से एक सम्मानजनक मानदेय की व्यवस्था सरकार को करनी चाहिए। क्योंकि सरकारी अस्पतालों में करोड़ों खर्च करने के बावजूद लोग निजी अस्पतालों की शरण इसीलिए लेते हैं, क्योंकि सरकारी अस्पतालों में अपेक्षित इलाज नहीं हो रहा है। सरकार को मितानिनों की स्थिति को और मजबूत करनी चाहिए। क्योंकि किसी भी शहर या गांव के वार्डों तक इनकी पहुंच और सेवा हर समय उपलब्ध रहतीं हैं।