छत्तीसगढ़जांजगीर-चांपाराज्य एवं शहररायपुरशिक्षा – रोज़गार

छत्तीसगढ़ में राज्य अशासकीय विद्यालय संचालक संघ का गठन, सुबोध राठी बने प्रदेश अध्यक्ष तो वहीं मनोज पाण्डेय बनाए गए सचिव

(गोपाल शर्मा) जांजगीर-चांपा। छत्तीसगढ़ राज्य के निजी विद्यालय संचालकों की वर्षों से लंबित मांगों और समस्याओं के समाधान के लिए अब एक संगठित आवाज़ तैयार हो गई है। छत्तीसगढ़ राज्य अशासकीय विद्यालय संचालक संघ का गठन किया गया है, जो प्रदेश के निजी स्कूलों को संगठित कर उनकी समस्याओं के निराकरण की दिशा में कार्य करेगा।

हाल ही में धमतरी के गंगरेल में आयोजित एक बृहद स्तरीय बैठक में इस प्रदेश स्तरीय संगठन की घोषणा की गई। सर्वसम्मति से सुबोध राठी (धमतरी) को प्रदेश अध्यक्ष और मनोज पाण्डेय (जांजगीर-चांपा) को प्रदेश सचिव चुना गया।

प्रदेश अध्यक्ष सुबोध राठी ने कहा कि, यह संगठन निजी विद्यालयों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध रहेगा और सभी निर्णय लोकतांत्रिक रूप से लिए जाएंगे।

प्रदेश सचिव मनोज पाण्डेय ने बताया कि वर्तमान में 24 जिलों के संगठन इस प्रदेश संघ से जुड़ चुके हैं, और शीघ्र ही शेष 9 जिलों में संगठन का विस्तार किया जाएगा। वहीं,  मुख्यमंत्री व शिक्षा सचिव से प्रतिनिधि मंडल मुलाकात कर अपनी मांगों को औपचारिक रूप से रखेगा।

उल्लेखनीय है कि विगत 7-8 वर्षों से निजी विद्यालय संचालक संगठन स्तर पर अपनी मांगों को लेकर संघर्षरत रहे हैं, लेकिन कोई ठोस समाधान नहीं मिल पाया था। अब प्रदेश स्तरीय संगठन के गठन से संचालकों को उम्मीद है कि उनकी आवाज़ शासन के उचित मंचों तक पहुंचेगी और निजी विद्यालयों को भी शासकीय समानता के आधार पर सुविधाएं मिलेंगी।

प्रमुख मांगें और उद्देश्य

1. RTE की विसंगतियों का समाधान – निजी विद्यालयों को समय पर प्रतिपूर्ति राशि मिले।

2. वित्तीय वर्ष के अंत में तुरंत भुगतान की व्यवस्था।

3. 2011 से तय प्रतिपूर्ति राशि में संशोधन कर वर्तमान दरों के अनुसार भुगतान।

4. गणवेश व पुस्तक मद की राशि ₹2000 तक बढ़ाई जाए।

5. सरस्वती साइकिल योजना का लाभ निजी विद्यालयों के गरीब बच्चों को भी मिले।

6. पाठ्यपुस्तक वितरण समय पर और संकुल स्तर पर हो।

7. स्कूल बसों की वैधता 12 से बढ़ाकर 18 वर्ष की जाए।

कई जिलों के प्रतिनिधियों की भागीदारी

बैठक में धमतरी, सूरजपुर, कोरबा, जांजगीर-चांपा, बिलासपुर, मुंगेली, बलौदा बाजार, गरियाबंद, कांकेर, बालोद, सारंगढ़, कोरिया, दुर्ग, बस्तर समेत अनेक जिलों से निजी विद्यालय संघों के अध्यक्ष व सचिव उपस्थित रहे।