छत्तीसगढ़ की फर्जी डिग्री का तार जानिए कहां से जुड़ा: छत्तीसगढ़ के इस विश्वविद्यालय से जुड़े तार

रायपुर। देश में उच्च और तकनीकी शिक्षा की साख को झटका देते हुए फर्जी डिग्री रैकेट के बड़े नेटवर्क के छत्तीसगढ़ से जुड़ाव का खुलासा हुआ है। एक पड़ताल में पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर को केंद्र में रखकर सामने आया है कि यह नेटवर्क न केवल राज्य में बल्कि देशभर में सक्रिय है।
विदेश जाने वाले छात्र से खुला मामला
दिल्ली स्थित एक एंबेसी में वीजा आवेदन के दौरान दो MCA और एक MBA डिग्रीधारक की मार्कशीट जांच में फर्जी प्रमाण पत्र पाए गए। जब इनकी जाँच विश्वविद्यालय स्तर पर की गई, तो आंकड़े चौंकाने वाले निकले।
हर साल 50 से 60 फर्जी डिग्री!
जानकारी के अनुसार, विश्वविद्यालय में हर साल लगभग 50 से 60 फर्जी डिग्री के मामले सामने आ रहे हैं। इनमें छत्तीसगढ़, दिल्ली, महाराष्ट्र, राजस्थान, बिहार, असम, झारखंड, मेघालय, त्रिपुरा सहित कई राज्यों के छात्र शामिल हैं।
जिम्मेदारी से बचते नजर आए कुलपति और रजिस्ट्रार
जब इस फर्जीवाड़े को लेकर कुलपति डॉ. सच्चिदानंद शुक्ला से सवाल किए गए, तो उन्होंने खुद को इससे अलग बताते हुए कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। रजिस्ट्रार डॉ. शैलेंद्र पटेल ने माना कि फर्जी डिग्रियों के मामले लगातार सामने आ रहे हैं, लेकिन वे विश्वविद्यालय की जवाबदेही से बचते नजर आए। उन्होंने कहा कि डिग्री प्रमाणित कराने वाला स्वयं एफआईआर दर्ज कराए और फिर इसकी सूचना विश्वविद्यालय को दे।
सवाल अब शिक्षा प्रणाली पर
इस मामले ने न केवल विश्वविद्यालय प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं, बल्कि पूरे उच्च शिक्षा तंत्र की विश्वसनीयता को भी कठघरे में खड़ा कर दिया है। शिक्षा मंत्रालय और राज्य सरकार को इस विषय में गंभीर पहल करने की ज़रूरत है।