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कफ सिरफ मामलाः खबर प्रकाश में आने के बाद गायब हुए इस गोरखधंधे से जुड़े लोग, पुलिस सरगर्मी से कर रही मुख्य आरोपी की तलाश

चौथा स्तंभ न्यूज लगातार

जांजगीर चांपा। बालपुर गांव में नशीली सिरप का जखीरा बरामद होने और मामले की खबर प्रसारित होने के बाद इस धंधे से जुड़े लोग भूमिगत हो गए हैं। खबर ये है कि कांग्रेस नेता के रिश्तेदार सहित इस गोरखधंधे से जुड़े कुछ लोग लोगों की आंखों से ओझल हो गए हैं। इस बात की चर्चा क्षेत्र में जोरों पर है। इधर, पुलिस को इस मामले के सरगना अरसद खान की सरगर्मी से तलाश है।

बता दें कि नशीली टेबलेट व सिरप का कारोबार जिले भर में चल रहा है, लेकिन गिने चुने मामले ही प्रकाश में आ पाते हैं। चांपा से लगे सिवनी गांव पहले ही नशाखोरी के लिए जाना जाता है। क्योंकि पहले भी यहां कार्रवाई हो चुकी है। बताया जाता है कि यहां छोटे बच्चों से लेकर किशोर भी नशे के आदी होकर अपना भविष्य बर्बाद कर रहे हैं। हाल ही में चांपा पुलिस ने बालपुर गांव से एक आरोपी को गिरफ्तार कर उसके कब्जे से करीब 3 लाख 64 हजार रुपए की नशीली सिरप बरामद हुई थी। इस दौरान दबी जुबान से लोग इस खेल का मास्टरमाइंड किसी कांग्रेस नेता के रिश्तेदार को बता रहे हैं। उसे क्षेत्र का बड़ा डीलर भी बताया जाता है। हालांकि इस खबर में सच्चाई आखिर कितनी है, यह तो जांच के बाद ही पता चलेगा। वहीं आरोपी लक्ष्मीप्रसाद चौहान के बताए अनुसार पुलिस को अरसद खान की तलाश है, जिससे इस पूरे मामले में और कोई रोशनी आने की संभावना जताई जा रही है। इधर, इस पूरे मामले के प्रकाश में आने के बाद क्षेत्र में हड़कंप मचा हुआ है। बताया जाता है इस कारोबार से जुड़े कुछ लोग गांव में आजकल नजर नहीं आ रहे हैं। अब देखना काफी दिलचस्प होगा कि इस पूरे मामले में आगे और किस तरह का खुलासा होता भी है, या नहीं?

सिंडीकेट की तरह चल रहा कोराबार
सूत्रों की मानें तो चांपा पुलिस की बड़ी कार्रवाई के बाद भी यह गोरखधंधा क्षेत्र में अभी भी गुपचुप तरीके से जारी है। लगता है इन नशे के सौदागरों को पुलिस का जरा भी भय नहीं है। नशे के आदी लोगों ने शराब की जगह कफ सीरप का इस्तेमाल करना शुरू किया है। यही वजह है कि क्षेत्र में नशीली कफ सिरप का अवैध कारोबार खूब फलफूल रहा है। बताया जाता है इस गोरखधंधे में कुछ सफेदपोश भी शामिल है। बाकायदा इनका एक सिडिकेट तैयार है। उसी से ही कफ सिरप का अवैध कारोबार गांव-गांव तक चल रहा है। बड़ी बात यह है कि युवा व किशोर इसकी चपेट में आ रहे हैं। प्रतिबंधित कोडीनयुक्त कफ सिरप के अवैध कारोबार ने क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में अपनी पैठ जमा ली है। अक्सर खाली जगहों पर सैकड़ों की संख्या में कफ सिरप की खाली बोतलें इस बात की गवाही दे रहे हैं। लोगों का यहां तक कहना है कि कहीं न कहीं इस धंधे को संरक्षण मिल रहा है।