कोरबाछत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ का नया 70 KM राष्ट्रीय राजमार्ग: बिलासपुर-उरगा कनेक्टिविटी को मिलेगी गति, पर भूमि विवाद ने लगाई ब्रेक!

कोरबा। छत्तीसगढ़ सरकार केंद्र की भारतमाला परियोजना के तहत राज्य के सड़क इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने में जुटी है। बिलासपुर के ढेका गांव से उरगा तक 70 किलोमीटर लंबे नए नेशनल हाइवे का निर्माण चल रहा है, जो क्षेत्र की यात्रा, व्यापार और रोजगार को बदलने का वादा करता है। हालांकि, भूमि बटांकन विवाद के चलते यह ₹1,520 करोड़ की महत्वाकांक्षी परियोजना अटक गई है। आइए जानते हैं पूरा मामला:

प्रोजेक्ट हाइलाइट्स: बिलासपुर-उरगा एनएच 130

0 लागत: ₹1,520 करोड़ 
0 लंबाई: 70 किलोमीटर 
0 शुरुआत: 2022 में 
0 लक्ष्य: जून 2025 तक पूरा करना 
0 लाभ: बिलासपुर से कोरबा का सफर 1 घंटे  में, आर्थिक गतिविधियों में तेजी, 10,000+ रोजगार के अवसर। 

विवाद क्यों? ढेका गांव की आधा किलोमीटर जमीन पर अड़चन

0 मुख्य मुद्दा: 65 जमीन मालिकों के साथ **भूमि बटांकन विवाद। 
0 आरोप: बटांकन प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी, मुआवजे को लेकर ग्रामीणों में असंतोष। 
0 वर्तमान स्थिति: मामला कमिश्नर कोर्ट में लंबित, निर्माण कार्य रुका हुआ। 
0 चिंता: देरी से परियोजना की लागत बढ़ने और विकास पर ब्रेक लगने का खतरा। 

प्रशासन और सरकार की कोशिशें

0 PMO की निगरानी: प्रधानमंत्री कार्यालय इस प्रोजेक्ट पर सीधी नजर रख रहा है। 
0 कलेक्टर का निर्देश: बिलासपुर कलेक्टर **अवनीश शरण** ने अधिकारियों को विवाद रिपोर्ट जल्द पेश करने और समयसीमा का पालन करने को कहा। 
0 स्थानीय मांग: ग्रामीण पारदर्शी मुआवजा और विवाद शीघ्र निपटान चाहते हैं। 

क्यों जरूरी है यह राजमार्ग?
1. कनेक्टिविटी: बिलासपुर, कोरबा, उरगा और आसपास के पिछड़े इलाकों को मुख्यधारा से जोड़ेगा। 
2. अर्थव्यवस्था: कोयला, खनिज और कृषि उत्पादों का परिवहन तेज होगा। 
3. रोजगार: निर्माण के दौरान और बाद में स्थानीय युवाओं को मौके मिलेंगे। 
4. सुरक्षा: संकरी सड़कों की जगह चौड़ा हाइवे दुर्घटनाएं कम करेगा। 

चुनौतियां और आगे की राह

0 न्यायिक देरी: कोर्ट का फैसला आने तक कार्य शुरू नहीं हो सकता। 
0 प्रशासनिक ढिलाई: विवाद निपटान में धीमी कार्रवाई से समयबद्धता खतरे में। 
0 जनभागीदारी: ग्रामीणों से बातचीत कर उनकी शिकायतों को दूर करना जरूरी।